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आनंद से ओत-प्रोत रचनाओं का पाठ किया गोष्ठी में

इंदौर(म.प्र.)।

खुशी,उमंग,उत्साह,आनंद ये सब मन के वो भाव हैं,जो नकारात्मक व बोझिल मानसिकता को पराजित कर मन को सकारात्मक प्रकाश से आलोकित करते हैं। इसी कड़ी में शब्दों का सेतु निर्मित कर आनंद के ऐसे ही जीवन रस को बिखेरने का प्रयास ‘आओ खुशियाँ बाँटें’ कार्यक्रम के माध्यम से साहित्यिक संस्था नई क़लम (साहित्य के नवांकुर)ने किया।
कई कवियों ने संस्था की ऑनलाइन मासिक काव्य गोष्ठी में प्रेरणादायक व आनंद से ओत-प्रोत रचनाओं का पाठ किया। कार्यक्रम में श्रुति मुखिया,डॉ. संगीता पाल,पूनम आदित्य,विनीता सिंह चौहान,विमल कुमार,आतिश इंदौरी,संजय जैन बेज़ार,धर्मेन्द्र अंबर,दीपक जैन दीप, जितेन्द्र राज,कान्हा रघुवंशी,विनोद कुमार सोनगीर,संतोष त्रिपाठी सुजान ने काव्यपाठ किया। अध्यक्षता ग़ज़लकार डॉ. विमल कुमार सक्सेना (महू) ने की। मुख्य अतिथि कवि नरेन्द्र अटल (महेश्वर) व कवि द्रोणाचार्य दुबे (महू) रहे। संचालन रविराज टांक ने किया। आभार संस्था सदस्य महेन्द्र जैन सागर ने व्यक्त किया।

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