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हममें है दम

गरिमा पंत 
लखनऊ(उत्तरप्रदेश)

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३ दिसम्बर ‘विकलांग दिवस’ विशेष………
हिम्मत से जंग जीत सकते हैं
हिम्मत हो तो हम,
हर जंग जीत सकते हैं।
चाहे हो दिव्यांग भी,
हिमालय का मस्तक चूम सकते हैं।

रोक सकती नहीं है हमें,
कोई भी बाधा
हममें है दम इतना,
हर रास्ता बदल सकते हैं।

क्या हुआ जो आज हमें,
भगवान ने हमसे कोई अंग छीन लिया।
शक्ति इतनी है हममें,
हवाओं का रुख बदल सकते हैं।

हमको ना कमजोर समझो तुम,
हम दुश्मनों से लड़ सकते हैं।
हे मजबूत इरादा हममें,
धरती माँ की चुनरी कर सकते हैं।

कोई भी बाधा हमें,
डिगा सकती नहीं।
हम रोते हुए लोगों में,
प्यार भर सकते हैं॥

परिचय-गरिमा पंत की जन्म तारीख-२६ अप्रैल १९७४ और जन्म स्थान देवरिया है। वर्तमान में लखनऊ में ही स्थाई निवास है। हिंदी-अंग्रेजी भाषा जानने वाली गरिमा पंत का संबंध उत्तर प्रदेश राज्य से है। शिक्षा-एम.बी.ए.और कार्यक्षेत्र-नौकरी(अध्यापिका)है। सामाजिक गतिविधि में सक्रिय गरिमा पंत की कई रचनाएँ समाचार पत्रों में छपी हैं। २००९ में किताब ‘स्वाति की बूंदें’ का प्रकाशन हुआ है। ब्लाग पर भी सक्रिय हैं।