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बंद करो ‘बिग बॉस’

आरती जैन
डूंगरपुर (राजस्थान)
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खुले बदन की नारी,
लगने लगी इन्हें कंचन।
जबसे आया है ‘बिग बॉस’
सा मेरे देश में मनोरंजन।
बिन सात फेरों के साथ
में सोने का यह देते काम।
क्या इस देश में हुए माँ,
सीता और मर्यादा वाले राम।
मनोरंजन के नाम पर
परोस रहे है यह हवस।
नेता ‘राफेल’ को छोड़,
इस पर क्यूँ नहीं करते बहस।
मेरी कलम ने निभाया,
है आज अपना कर्म।
क्यूँ नहीं बची आज,
इन कलाकारों में शर्म।
बिग बॉस है एक,
जूठा खेल बनावटी।
मुखौटा पहना है,
सबने यहाँ दिखावटी।
यह नष्ट कर रहा है,
हमारी संयम की संस्कृति।
वासना भरा मनोरंजन,
नहीं है हमारी प्रकृति।
संस्कार कर रहे हैं,
आज विलाप भरा क्रंदन।
बंद करो ‘बिग बॉस’,
यहां पैदा हुए राम जैसे नंदन।
खुले बदन की नारी’
लगने लगी इन्हें कंचन।
जबसे आया है बिग बॉस,
सा मेरे देश में मनोरंजन॥

परिचय : श्रीमती आरती जैन की जन्म तारीख २४ नवम्बर १९९० तथा जन्म स्थली उदयपुर (राजस्थान) हैl आपका निवास स्थान डूंगरपुर (राजस्थान) में हैl आरती जैन ने एम.ए. सहित बी.एड. की शिक्षा भी ली हैl आपकी दृष्टि में लेखन का उद्देश्य सामाजिक बुराई को दूर करना हैl आपको लेखन के लिए हाल ही में सम्मान प्राप्त हुआ हैl अंग्रेजी में लेखन करने वाली आरती जैन की रचनाएं कई दैनिक पत्र-पत्रिकाओं में लगातार छप रही हैंl आप ब्लॉग पर भी लिखती हैंl