कुल पृष्ठ दर्शन : 531

सुंदर गजरा

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
************************************

साजे गजरा केश में,सुन्दर लागे रूप।
सबके मन को मोहती,रंक भले या भूप॥
रंक भले या भूप,सभी होते दीवाने।
वेणी सुन्दर होय,घटा सावन पहचाने।।
कहे ‘विनायक’ राज,केश पर नाग विराजे।
लहराती जब चाल,सोहती गजरा साजे॥