श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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‘अटल’ जिंदगी…
सादर नमन हे हमारे पिता स्वरूप,
पूज्यवर अटल जी, अपको नमन
आज जन्मदिवस पर संपूर्ण भारत,
आपको कर रहा है चरण वन्दन।
धन्य-धन्य हैं आपके पिता-माता,
जिनकी गोद में आप बड़े हुए
ज्ञान-विज्ञान सब हासिल करके,
आप बहुत बड़े बैरिस्टर हुए।
गुरुजन-सन्तों का यह कहना है,
आप साहित्यकार कविराज हैं
भारत माता के हैं अनमोल रतन,
आप हिन्दुस्तान के सरताज हैं।
पूज्य अटल जी की गौरव गाथा,
हरेक हिन्दुस्तानी के हृदय में है।
तन-मन-धन देश को अर्पण किया,
भेदभाव नहीं आपके हृदय में है॥
परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है |