आदर्श पाण्डेय
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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जिंदगी के गीत को हम गुनगुनाते हैं,
मुश्किल छोटी हो या बड़ी,हम गुजारते हैं।
जिंदगी मेरा सिर्फ किराए का घर है,
यकीन मानो ईश्वर के हम किरायेदार हैं।
ब्रह्मा जी लेकर बैठे हैं जो पोथी और पत्रा,
किरायेदारों का उसी में होता है लेखा-जोखा।
मुश्किल भरी जिंदगी को आसान करो अब,
खाली हाथ आए हैं हम,खाली हाथ जाएंगे।
जिंदगी के गीत को हम गुनगुनाते हैं,
मुश्किल छोटी हो या बड़ी हम गुजारते हैं॥