ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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गणतंत्र दिवस:लोकतंत्र की नयी सुबह (२६ जनवरी २०२५ विशेष)…
लोकतंत्र की नयी सुबह पर,
भूल न जाना कर्तव्य अपना
सबको अपना हक मिल जाए,
घर-घर में खुशहाली लाना।
विचलित न होना आघातों से,
अरमानों को कभी ना खोना
कठिन परिश्रम करते रहना,
किस्मत के आगे कभी न रोना।
पूर्ण स्वतंत्रता आज मिली है,
खुशहाली के बीज बोना
कितनी भी आ जाएं मुसीबत,
आँखें अपनी कभी न भिगोना।
कदम से कदम मिलाकर चलना,
जीवन बन जाए सलोना
मन का आँगन मैला ना हो,
कभी किसी का दिल ना दुखाना।
भारत माता के वीर सपूतों,
कर्तव्य पथ पर बढ़ते जाना।
विस्मित न होना कभी छलावों से,
अपना फर्ज निभाते जाना॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।