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अमर तिरंगा शान

डॉ.एन.के. सेठी
बांदीकुई (राजस्थान)

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अपना सम्मान तिरंगा….

आन-बान है हिंद की, और यही ईमान।
अमर तिरंगा शान है, भारत की पहचान॥

लहर-लहर लहरायगा, ये ऊंचे आकास।
तीन रंग का मेल है, इसे बनाता खास॥

केसरिया कहता सदा, हिंद रहे खुशहाल।
श्वेत शांति देता हमें, हरित हरा हर हाल॥

शोभित अशोक चक्र ये, सदा बढ़ाता मान।
नित्य कराता है हमें, स्वाभिमान का भान॥

कोई भी न झुका सके, भारत का ईमान।
लहर-लहर लहरायगा, अमर तिरंगा शान॥

इसकी रक्षा के लिए, वीरों ने दी जान।
जग में भी ऊँचा किया, भारत का सम्मान॥

चूम रहा ऊंचा गगन, सुभग तिरंगा शान।
गर्व करें इस पर सदा, दिल में भर अभिमान॥

त्यागऔर बलिदान की, देता हमको सीख।
प्राप्त करें पुरुषार्थ से, नहीं चाहिए भीख॥

सीना फूले देखकर, भारत वीर जवान।
बच्चा-बच्चा हिंद का, रखता इसका मान॥

मात भारती का हुआ, इससे शुभ श्रृंगार।
नमन तिरंगे को करें, सब मिल शत-शत बार॥

परिचय-पेशे से अर्द्ध सरकारी महाविद्यालय में प्राचार्य (बांदीकुई,दौसा) डॉ.एन.के. सेठी का बांदीकुई में ही स्थाई निवास है। १९७३ में १५ जुलाई को बड़ियाल कलां,जिला दौसा (राजस्थान) में जन्मे नवल सेठी की शैक्षिक योग्यता एम.ए.(संस्कृत,हिंदी),एम.फिल.,पीएच-डी.,साहित्याचार्य, शिक्षा शास्त्री और बीजेएमसी है। शोध निदेशक डॉ.सेठी लगभग ५० राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में विभिन्न विषयों पर शोध-पत्र वाचन कर चुके हैं,तो कई शोध पत्रों का अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन हुआ है। पाठ्यक्रमों पर आधारित लगभग १५ से अधिक पुस्तक प्रकाशित हैं। आपकी कविताएं विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुई हैं। हिंदी और संस्कृत भाषा का ज्ञान रखने वाले राजस्थानवासी डॉ. सेठी सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत कई सामाजिक संगठनों से जुड़ाव रखे हुए हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,गीत तथा आलेख है। आपकी विशेष उपलब्धि-राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में शोध-पत्र का वाचन है। लेखनी का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है। मुंशी प्रेमचंद इनके पसंदीदा हिन्दी लेखक हैं तो प्रेरणा पुंज-स्वामी विवेकानंद जी हैं। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-
‘गर्व हमें है अपने ऊपर,
हम हिन्द के वासी हैं।
जाति धर्म चाहे कोई हो,
हम सब हिंदी भाषी हैं॥’

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