कुल पृष्ठ दर्शन : 232

You are currently viewing आन में और शान में

आन में और शान में

संदीप धीमान 
चमोली (उत्तराखंड)
**********************************

अपना सम्मान तिरंगा….


आन में और शान में
दे दी जान दान में,
देश के सपूतों ने
भारत के स्वाभिमान में।

फहर रहा तिरंगा आज
उन्हीं के गुणगान में,
चलो, वीरता की गाथा गाएं
उन्हीं के सम्मान में।

क्रांति के वीर सपूतों ने
हिंसा-अहिंसा के अवधूतों ने,
किए न्यौछावर प्राण देखो
आजादी के आहावान में।

कहीं बहाया लहू अपना, तो
कहीं फांसी लटके प्राण थे,
वो अलबेले, मस्ताने से
मेरे तिरंगे पर कुर्बान थे।

जय हिन्द, जय भारत बोलूं, जय बोलूं
उनको जो देशप्रेमी महान थे,
वंदे मातरम् के आव्हान पर
जो निकले थे छाती तान के।

आन में और शान में
दे दी जान दान में,
हो गए कुर्बान वो
देश के सम्मान में।

Leave a Reply