जम्मू (काश्मीर)।
वरिष्ठ साहित्यकार अशोक लव के उपन्यास ‘शिखरों से आगे’ की अनुवादित कृतियों ‘शिखरन से आगे’ व ‘शिखरें शा अग्गै’ का लोकार्पण डॉ. शोभा खंडेलवाल(अध्यक्ष हिंदी साहित्य समिति,नार्थ ईस्ट ओहायो,अमेरिका) तथा डॉ. आनंद खंडेलवाल ने किया। इसके साथ ही लघुकथा संग्रह ‘एकांतवास में ज़िंदगी’ का भी अंतरराष्ट्रीय हिंदी समिति(अमेरिका)की प्रबंध संपादक श्रीमती सुशीला मोहनका ने क्लीवलैंड (ओहायो) में लोकार्पण किया।
श्री लव ने संग्रह की लघुकथाओं के विषय में बताया कि ये २०२०-२१ में लिखी गई हैं। उस समय पूरा विश्व कोविड से ग्रस्त और त्रस्त था। उस काल-खंड में लोगों की मानसिकता,व्यवस्था की अव्यवस्था और परिचितों-संबंधियों के निधन आदि स्थितियों को विभिन्न पात्रों के माध्यम से चित्रित किया गया है। यशपाल निर्मल (हिंदी-डोगरी के वरिष्ठ साहित्यकार) और केशव मोहन पांडेय ने इसका अनुवाद किया है।
डॉ. आनंद खंडेलवाल ने कहा कि अशोक लव ने इन लघुकथाओं के माध्यम से ऐतिहासिक कार्य किया है। श्रीमती मोहनका ने कहा कि अपनी भारत यात्रा के मध्य श्री लव की साहित्यिक सक्रियता को निकट से देखा है। उनके लघुकथा-संग्रह का लोकार्पण करते हुए हमें सुखद लग रहा है। श्रीमती पारुल और पुनीत सब्बरवाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।