डॉ. आशा गुप्ता ‘श्रेया’
जमशेदपुर (झारखण्ड)
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माता के नौ रंग (नवरात्रि विशेष)….
हे माते आदिशक्ति हे दुर्गा भवानी,
हे जग कल्याणी हे दुर्गतिनाशिनी
देती आयु शक्ति सुख शांति सिद्धि
नौ रंग नौ रूप मैया हैं आप वरदायिनी।
माते जग में विकार वृतियाँ छायीं,
अंबे आप कल्याणी भगवती देवी
हरो नकारात्मक विचारों को मैया,
नौ रंगभाव पुष्प अर्पित करूँ हे देवी।
शैलसुता जग मातु हे सुभासिनी,
आप विराजित हैं माँ शिव संगे
बैल सवार सदा शिव भामिनी,
रक्त पुष्प दे शक्ति चिंत हरें मलंगे।
द्वितीय रूप माँ ज्योतिर्मय तपस्विनी,
शोभे श्वेत वस्त्र में देवी ब्रह्मचारिणी
कर में धारण करें जपमाला कमंडल,
पीला पुष्प अर्पित दें शुभता वाणी।
चंद्र शीतल शीश शोभित है माँ देवी,
श्रद्धा पूजन शांति देती चंद्रघंटा देवी
विकार कष्ट हरें अर्पण श्रद्धा हरा रंग,
वैभव ऐश्वर्य शांति देती भवानी देवी।
ब्रह्मांड रचयिता हैं कुष्मांडा माँ देवी,
उन्नयनंदा रूप मनोहर दुर्गा माँ देवी
स्लेटी रंग भाए माँ देती यश धन सुख,
नमन है रोग-शोक निवारणी माँ देवी।
पंचम दिवस जन पूजत स्कन्दमाता,
कार्तिकेय जननी माँ हैं वृति नियंता
धारे स्फटिक मणीमाला वीणा पुस्तक,
नारंगी रंग भाए पद्मासिनी बुद्धि दाता।
श्रद्धा भक्ति है वंदन कात्यायनी माता,
रोग शोक संताप भय दूर करती माता
श्वेत पुष्प वस्त्र चढ़ा प्रसन्न करूँ देवी,
धर्म सौंदर्य शांति सुख देती दुर्गा माता।
सप्तम रुप देवी महामायी अधिष्ठाणी,
असुरघाती माता आप जगकल्याणी
पुष्प गुलाबी भाये हे माता कालरात्रि,
हरती विघ्न दुख-संताप भयहारिणी।
ममतामयी महागौरी मंद मुस्कुराती,
सदा वरद हस्त संचित पाप मिटाती
मनोवांछित फल दें सुरेश्वरी जगदम्बा
आसमानी अर्पित माँ सब संभव कराती।
वंदन करूँ कर जोड़ी सिद्धिदात्री देवी,
शांत भाव आशीष देती भक्तों को देवी
हल्का नीला पुष्प दें सर्व सिद्धियाँ माते,
सुख-शांति मोक्ष दें तारे भगवती देवी।
हे माँ जगतारिणी हे कल्याणी भवानी,
संकट में धैर्य औ शक्ति देती महारानी।
जन विवेक जागे नारी की रक्षा सम्मान,
शब्द भाव पुष्पों को स्वीकारो महारानी॥
परिचय- डॉ.आशा गुप्ता का लेखन में उपनाम-श्रेया है। आपकी जन्म तिथि २४ जून तथा जन्म स्थान-अहमदनगर (महाराष्ट्र)है। पितृ स्थान वाशिंदा-वाराणसी(उत्तर प्रदेश) है। वर्तमान में आप जमशेदपुर (झारखण्ड) में निवासरत हैं। डॉ.आशा की शिक्षा-एमबीबीएस,डीजीओ सहित डी फैमिली मेडिसिन एवं एफआईपीएस है। सम्प्रति से आप स्त्री रोग विशेषज्ञ होकर जमशेदपुर के अस्पताल में कार्यरत हैं। चिकित्सकीय पेशे के जरिए सामाजिक सेवा तो लेखनी द्वारा साहित्यिक सेवा में सक्रिय हैं। आप हिंदी,अंग्रेजी व भोजपुरी में भी काव्य,लघुकथा,स्वास्थ्य संबंधी लेख,संस्मरण लिखती हैं तो कथक नृत्य के अलावा संगीत में भी रुचि है। हिंदी,भोजपुरी और अंग्रेजी भाषा की अनुभवी डॉ.गुप्ता का काव्य संकलन-‘आशा की किरण’ और ‘आशा का आकाश’ प्रकाशित हो चुका है। ऐसे ही विभिन्न काव्य संकलनों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में भी लेख-कविताओं का लगातार प्रकाशन हुआ है। आप भारत-अमेरिका में कई साहित्यिक संस्थाओं से सम्बद्ध होकर पदाधिकारी तथा कई चिकित्सा संस्थानों की व्यावसायिक सदस्य भी हैं। ब्लॉग पर भी अपने भाव व्यक्त करने वाली श्रेया को प्रथम अप्रवासी सम्मलेन(मॉरीशस)में मॉरीशस के प्रधानमंत्री द्वारा सम्मान,भाषाई सौहार्द सम्मान (बर्मिंघम),साहित्य गौरव व हिंदी गौरव सम्मान(न्यूयार्क) सहित विद्योत्मा सम्मान(अ.भा. कवियित्री सम्मेलन)तथा ‘कविरत्न’ उपाधि (विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ) प्रमुख रुप से प्राप्त हैं। मॉरीशस ब्रॉड कॉरपोरेशन द्वारा आपकी रचना का प्रसारण किया गया है। विभिन्न मंचों पर काव्य पाठ में भी आप सक्रिय हैं। लेखन के उद्देश्य पर आपका मानना है कि-मातृभाषा हिंदी हृदय में वास करती है,इसलिए लोगों से जुड़ने-समझने के लिए हिंदी उत्तम माध्यम है। बालपन से ही प्रसिद्ध कवि-कवियित्रियों- साहित्यकारों को देखने-सुनने का सौभाग्य मिला तो समझा कि शब्दों में बहुत ही शक्ति होती है। अपनी भावनाओं व सोच को शब्दों में पिरोकर आत्मिक सुख तो पाना है ही,पर हमारी मातृभाषा व संस्कृति से विदेशी भी आकर्षित होते हैं,इसलिए मातृभाषा की गरिमा देश-विदेश में सुगंध फैलाए,यह कामना भी है