बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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आओ साजन पास में,मन मेरा हर्षाय।
किरण जगी उम्मीद की,प्रीत हिलोरे खाय॥
प्रीत हिलोरे खाय,मगन मेरा मन डोले।
पिया मिलन की चाह,मधुर कोयलिया बोले॥
कहे ‘विनायक राज’,गीत प्यारा कुछ गाओ।
साजन कर मत देर,आज जल्दी घर आओ॥