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आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं

तारा प्रजापत ‘प्रीत’
रातानाड़ा(राजस्थान) 
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‘मैं और मेरा देश’ स्पर्धा विशेष……..

हम स्वतंत्रता दिवस मनाएं,
आओ शान से तिरंगा फहराएं।

आजादी के हवन कुंड में
जिन्होंने शीश चढ़ाया है,
अपना तन-मन-धन देकर
हमें आज़ाद कराया है।
यशगान हम उनका गाएं,
आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं॥

पन्द्रह अगस्त का दिन आया है
ख़ुशियों का मौसम छाया है,
याद में उन देश-भक्तों की
जन-मन-गण सबने गाया है।
कभी न हम उन शहीदों को भुलाएं,
आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं॥

आज़ादी के हम हैं मतवाले
देश को अपने हम सदा संभाले,
हस्ती मिटा देंगे हम उसकी
बुरी नज़र जो हम पर डाले।
देश के गद्दारों को देश से भगाएं,
आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं॥

चढ़ गए फांसी हँस-हँस कर जो
ऐसे शहीदों को शत-शत नमन,
कोई भी मिटा न पाएगा देश से
कभी भी चैन-शांति और अमन।
आज़ादी की हम क़सम खाएं,
आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं॥

देश हमारा हम सबको प्यारा
लहू से इसे शहीदों ने सँवारा,
सम्पूर्ण विश्व में वतन हमारा
सब देशों से है ये न्यारा।
झूमे-नाचे और हम गाएं,
आओ स्वतंत्रता दिवस मनाएं॥

परिचय– श्रीमती तारा प्रजापत का उपनाम ‘प्रीत’ है।आपका नाता राज्य राजस्थान के जोधपुर स्थित रातानाड़ा स्थित गायत्री विहार से है। जन्मतिथि १ जून १९५७ और जन्म स्थान-बीकानेर (राज.) ही है। स्नातक(बी.ए.) तक शिक्षित प्रीत का कार्यक्षेत्र-गृहस्थी है। कई पत्रिकाओं और दो पुस्तकों में भी आपकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं,तो अन्य माध्यमों में भी प्रसारित हैं। आपके लेखन का उद्देश्य पसंद का आम करना है। लेखन विधा में कविता,हाइकु,मुक्तक,ग़ज़ल रचती हैं। आपकी विशेष उपलब्धि-आकाशवाणी पर कविताओं का प्रसारण होना है।

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