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आजादी से विकास की ओर !

प्रीति शर्मा `असीम`
नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)
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७५ बरस की आजादी का अमृत और हम सपर्धा विशेष….

गुलामी के अनगिनत सालों के बाद,
कितने लड़े-कितने मरे उन वीर जवानों के बाद।

आज देश स्वतंत्रता की आबोहवा में,
७५ वर्ष की आजादी का अमृत उत्सव मना रहा है
एक बार अपने गिरेबान में झांक कर देखें,
हमारा देश आजादी से विकास की ओर जा रहा है
या सिर्फ…पार्टी-बाजी में विकास का झांसा दिखा,
बस लांछन ही लगा रहा है।

देश आजाद तो हुआ…लेकिन सोच गुलाम की गुलाम रह गई,
अपने देश और भाषा पर सिर्फ गरीबों की मोहर रह गई
जो बांट कर चले गए थे,
वह लड़ाई आज भी वहीं की वहीं रह गई
भारत की संस्कृति पश्चिमी हवाओं में बह गई।

देश के महान पुरुषों के बस स्मृति दिन मनाए जा रहा है,
उनके शब्दों में उतर कर…कहां जीवन पा रहा है
बढ़ा था जिस विकासशीलता से विकास की ओर,
कोरोना की महात्रासदी का ऐसा आज दौर आया
देश को आगे ले जाने के सपने पर लगता है ७५ साल का बुढ़ापा छाया।
देश ७५ वर्ष की आजादी का अमृत उत्सव मना रहा है,
या सिर्फ…पार्टी-बाजी में विकास का झांसा दिखा,
बस लांछन ही लगा रहा है॥

परिचयप्रीति शर्मा का साहित्यिक उपनाम `असीम` हैL ३० सितम्बर १९७६ को हिमाचल प्रदेश के सुंदरनगर में अवतरित हुई प्रीति शर्मा का वर्तमान तथा स्थाई निवास नालागढ़(जिला सोलन,हिमाचल प्रदेश) हैL आपको हिन्दी,पंजाबी सहित अंग्रेजी भाषा का ज्ञान हैL पूर्ण शिक्षा-बी.ए.(कला),एम.ए.(अर्थशास्त्र,हिन्दी) एवं बी.एड. भी किया है। कार्यक्षेत्र में गृहिणी `असीम` सामाजिक कार्यों में भी सहयोग करती हैंL इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी,निबंध तथा लेख है।सयुंक्त संग्रह-`आखर कुंज` सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैंL आपको लेखनी के लिए प्रंशसा-पत्र मिले हैंL सोशल मीडिया में भी सक्रिय प्रीति शर्मा की लेखनी का उद्देश्य-प्रेरणार्थ हैL आपकी नजर में पसंदीदा हिन्दी लेखक-मैथिलीशरण गुप्त,जयशंकर प्रसाद,निराला,महादेवी वर्मा और पंत जी हैंL समस्त विश्व को प्रेरणापुंज माननेवाली `असीम` के देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-“यह हमारी आत्मा की आवाज़ है। यह प्रेम है,श्रद्धा का भाव है कि हम हिंदी हैं। अपनी भाषा का सम्मान ही स्वयं का सम्मान है।”

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