संदीप धीमान
चमोली (उत्तराखंड)
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कदम हैं वर्तमान के,
भविष्य की डगर पर,
भूत का ज्ञान धर,
चलना मगर सफर पर।
काल तीनों ही अहम
एकाग्र और ध्यान को,
तू ध्यान मत देना
वर्तमान की खबर पर।
ठोकरें भूत की
वर्तमान का ज्ञान है,
ध्यान रख भविष्य पर
मंजिल तेरे सबर पर।
बालपन काल भूत
युवा वर्तमान है अगर,
भविष्य वृद्ध ज्ञान को
अनुभव है नजर पर।
क़दम बढ रहे हो जो,
संग-संग तीनों काल के ला।
भाल-सा तू भेद देगा,
कठिनाई को डगर पर॥