सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
**************************************
हे शिव अनंत,
तुम दयावंत।
कालों के काल,
तुम महाकाल।
मन की हो शक्ति,
तुम ही हो भक्ति।
जीवन का सार,
सृष्टि आधार।
तुम निराकार,
तुम ही साकार।
रस और स्वाद,
तुम ही हो नाद।
गले सर्पहार,
जटा गंगधार।
त्रिशूल हाथ,
गौरा के साथ।
नंदी सवार,
करें भव से पार।
ओम नमः शिवाय,
ओम नमः शिवाय॥