बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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कहना मेरा मान लो, जप लो तुम श्रीराम।
सारे शुभ फल हैं मिले, बनते बिगड़े काम॥
बनते बिगड़े काम, राम सीता तुम जपना।
भक्ति भाव को जान, सदा मन ही मन रटना॥
कहे ‘विनायक राज’, सुखी से फिर तुम रहना।
राम भजन कर आज, मान लो मेरा कहना॥