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कागा संदेश ले जाओ

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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कागा ले जाओ पिया जी के पास संदेश,
गगन राहों से जाना तुम,साजन के देश।

मन मारे पिया बैठे होंगे,मुझे याद करके,
बताना मैं बैठी हूँ,सोलह सिंगार करके।

वह सुनहली जादुई,बुलबुल का है देश,
देखना कोई पढ़ नहीं ले,पहुँचा दे संदेश।

छोटी-छोटी रानी गौरैया रोकेगी रास्ता तेरा,
ओ कागा,कोई पढ़ नहीं पाए खत मेरा।

जल्दी जाओ कागा,मेरे पिया के गाँव,
चुपके से बैठ जाना निषाद राज की नाव।

गुलमोहर के पेड़ तले,मिलेगी तुझे छाँव,
पनहारन से पूछ लेना पिया जी का गाँव।

जा के कहना साजन को बीत गया सावन,
भय लग रहा मुझे,था कभी जो लुभावन।

कागा जाओ,विरहिणी का लेकर संदेश,
गीत गाते जाना,मेरे पिया जी का देश।

प्यार की पाती है कागा ले जाओ बचा के,
मिलेगी सखी ‘देवन्ती’,खत रखो छुपा के॥

परिचय–श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।

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