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काम भला कर ले

ममता तिवारी ‘ममता’
जांजगीर-चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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जिंदगी में नया सिलसिला कर ले,
काम थोड़े सही, भला कर ले।

ख़त्म कर ले अज़ाब दुनिया के,
इक दफ़ा आज हौंसला कर ले।

राब्ता रख के नेक नियत से,
खुद से पहले जरा गिला कर ले।

खुशनुमा जीना जिंदगी है तो,
वक्त है आज फैसला कर ले।

कौन-सा आदमी मुकम्मल यहाँ,
चल बेज़ारी से फासला कर ले।

वक्त देना न गलत बातों को,
जल्द अच्छा यही हिला कर ले।

सादगी के सहारे चल ‘ममता’,
साथ इक नेक काफ़िला कर ले॥

परिचय–ममता तिवारी का जन्म १अक्टूबर १९६८ को हुआ है। वर्तमान में आप छत्तीसगढ़ स्थित बी.डी. महन्त उपनगर (जिला जांजगीर-चाम्पा)में निवासरत हैं। हिन्दी भाषा का ज्ञान रखने वाली श्रीमती तिवारी एम.ए. तक शिक्षित होकर समाज में जिलाध्यक्ष हैं। इनकी लेखन विधा-काव्य(कविता ,छंद,ग़ज़ल) है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। पुरस्कार की बात की जाए तो प्रांतीय समाज सम्मेलन में सम्मान,ऑनलाइन स्पर्धाओं में प्रशस्ति-पत्र आदि हासिल किए हैं। ममता तिवारी की लेखनी का उद्देश्य अपने समय का सदुपयोग और लेखन शौक को पूरा करना है।