जबरा राम कंडारा
जालौर (राजस्थान)
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धर्म धरा चर्चित जगत,पावन गंगा घाट।
लगता मेला कुंभ का,लगे संतजन थाट॥
नया नाम वाराणसी,काशी है प्राचीन।
रामचरित तुलसी रचा,बैठे इसी जमीन॥
संत कबीर जहां भये,ज्ञान भक्तिरस धार।
ओर भये रविदास जी,जग में हुआ प्रचार॥
तैतीस कोटि देवता,करते यहाँ निवास।
रैन-दिवस होते हवन,चलते बारहमास॥
फैला पूरे विश्व में,जगमग ज्ञान प्रकाश।
भारत जैसा देश नहिं,कर लो खूब तलाश॥