ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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चलो इस रक्षाबंधन पर,
हम कुछ नया करें
जो है शोषित पीड़ित बहनें,
उनकी पीड़ा हरें।
जिनके नहीं है घर में भाई,
उनकी हम रक्षा करें
जिनके घर में नहीं उजियारा,
उनके घर दीया करें।
आँख से अश्रु कभी ना आएं,
अपना फ़र्ज़ अदा करें
उनके सुनहरे सपनों को,
मिलकर सभी पूरा करें।
अबला नहीं है आज की नारी,
उनमें ये विश्वास भरें
संकट चाहे कैसा भी आ जाए,
साहस का संचार करें।
अपनी रक्षा स्वयं करें,
माँ दुर्गा का रुप धरें।
लुट न पाए अस्मत कभी भी,
दुष्टों का संहार करें॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।