डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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गणतंत्र दिवस : देश और युवा सोच...

यह अहसास, आजादी की,
धीर-वीर व गम्भीर वीरों की
उन्नत उमंग और उत्साह की,
अनूठी मिसाल व कहानी है
देश के लिए मर मिटने वाले,
वीरों की जीत की निशानी है।
परतंत्रता से मुक्त भारत,
हमें स्वच्छंद विचरण करने का
स्वतन्त्र और उन्नत अवसर दिया,
गुलामी से आजाद कर
स्वतन्त्र भारत की एक अपूर्व,
शोहरत और मोहब्बत दी।
आज़ दिल में बसी है यहां,
आजादी की अमूल्य धरोहर
सम्पूर्ण सद्भाव व पवित्र भाव के,
समग्र मूल्यांकन से देश में
दिखता है रंग एक स्वच्छ सरोवर।
यह आजाद भारत की बढ़ती,
प्रतिष्ठा और सम्मान का सबब है
विश्व पटल पर सुर्खियाँ पाने का,
अद्भुत और प्रेरणादाई करतब है।
वीरों की आहूति दी गई थी असंख्य,
शहीदों की संख्या अपार है
गिनने की अब यहां जरूरत नहीं,
सबको आज़ भी दिखाई देती है
सपूतों के सौन्दर्य का दिखता,
सुन्दर और स्नेहिल प्यार है।
यह अंग्रेजों से मुक्ति का सुन्दर,
स्नेहिल और उमंग से भरपूर
जन-जन का अपूर्व त्योहार है,
भारतीयता के उत्कर्ष व शिखर पर,
पहुंचाने का मोहक व प्यार पूर्ण
सर्वोत्तम सुचिता का उपहार है।
आओ हम-सब मिलकर यहां,
सुन्दर और स्नेहिल भाव से
भारतीयता के उत्कर्ष को शिखर पर,
पहुंचाने में मदद करते रहें
देश के सबसे प्रिय त्योहार पर,
खूब सुकून से नमन वंदन
हृदय पुष्प से अंगीकार कर,
मन में आर्यावर्त के प्यार का सुख,
दिलों से नित्य दिन भरते रहें॥
परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।