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चैत्र प्रतिपदा का स्वागत करना दायित्व

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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हमारा नव वर्ष चैत्र प्रतिपदा बुधवार २२ मार्च को है। इस दिन का स्वागत करना हमारा धर्म व दायित्व दोनों ही है। इसलिए ध्यान रख कर तैयारी कर लें- घर के आँगन को रंग पोत कर साफ कर लेना है। आँगन में तुलसी का पौधा है तो ठीक अन्यथा अभी लगा लें। घर की छत पर नए वर्ष वाले दिन सबेरे से ही केसरिया ध्वज फहराएं। अपने मोहल्ले में अर्थात घर के आसपास ऊँ व स्वास्तिक लिखे हों तो ठीक, अन्यथा खाली जगह पर सुन्दर पठनीय अक्षरों में लिखवा लें। घर के आसपास नीम के पेड पर आई नई कोपलें नव वर्ष के दिन सुबह मिश्री के साथ स्वयं भी खानी है और बांटनी भी है। अच्छे शुभकामना संदेश आपस में, याद रखकर सांझा अवश्य ही करना है।
यदि सम्भव हो तो नव वर्ष की पूर्व संध्या पर भजन संध्या के साथ साथ काव्य पाठ आयोजित करें। सम्भव हो तो नव वर्ष की पूर्व संध्या अथवा उसी दिन बच्चों के बीच किसी भी प्रकार की प्रतियोगिता आयोजित कर उन्हें पुरस्कृत करें। नववर्ष के दिन घरों- प्रतिष्ठानों में रोशनी तो करें ही, साथ में संध्या बेला में दीपक अवश्य प्रज्वलित करें।
याद रखें, उपरोक्त विधि से नववर्ष धूमधाम से बन्धु-बान्धव सहित सम्पन्न करना है।

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