अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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जिंदगी दोस्ती,
स्नेह का दूजा नाम
निभाएं दोस्ती।
सदा पवित्र,
जाँ लुटा दे दोस्ती में
हो ऐसा मित्र।
दोस्ती में साथ,
नहीं छोड़े दु:ख में
थामे जो हाथ।
कृष्ण-सुदामा,
अनूठा रिश्ता दोस्ती
हमने थामा।
निश्छल रिश्ता,
लाए सदा मुस्कान
अनूठा किस्सा।
है उपहार,
मजबूत हो दोस्ती
संग में प्यार।
करना भला,
रखो दोस्ती सच से
तो रिश्ता चला।
है खुशी दोस्ती,
जुदा ना होना कभी
है साँस दोस्ती।
दुआ दोस्ती,
सफलता दिलाए
मंज़िल दोस्ती।
संग खुशियाँ,
नाता खून से बड़ा
यही दुनिया।
दोस्ती की जय,
मित्र सच्ची ताकत
भगाओ भय॥