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नई किरण

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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आज की सुबह,
मैं चाय की चुस्की के साथ
सुहानी धूप सेंक रहा था,
नए साल के स्वागत के लिए
कुछ तरकीब सोच रहा था।
सहसा एक ख्याल आया मन में,
गुजरे हुए कल को लेकर
फिर से एक साल बीत गया,
नए-नए अनुभवों के साथ
कोई हार गया, कोई जीत गया।
मैंने भी एक सपना देखा था,
प्रगति के पथ पर चलकर
उज्ज्वल भविष्य बनाने का,
लेकिन महामारी के तांडव ने
सब-कुछ ध्वस्त कर दिया था।
सारे सपने चूर-चूर हो गए,
सब एक-दूसरे से दूर-दूर हो गए
घर-घर ‘कोरोना’ का कहर था,
हाय! कितना भयंकर मंजर था।
ऐ नववर्ष तुम खुशियाँ लाना,
गुजरे हुए पल को न दोहराना।
नई उम्मीद और उल्लास के साथ,
तुम आशा की नई किरण जगाना॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

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