नई सुबह Post author:राजभाषा से राष्ट्रभाषा Post published:June 14, 2024 Post category:Uncategorized / कविता / काव्यभाषा सौ. निशा बुधे झा ‘निशामन’जयपुर (राजस्थान)*********************************************** सुबह फिर आ गई,नई छवि को ले आईजीवन का लक्ष्य बांध,आज तू कुछ खास कर। नई ऊर्जा का संचार कर,नई ऊँचाई का आगाज़ कर।सफल होगा भविष्य,ये विश्वास धर॥ You Might Also Like कलयुग आता है October 12, 2023 ‘माॅं’ का जाना… December 24, 2024 बचपन लौट के नहीं आता July 18, 2022