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परिंदों की तरह

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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परिंदों पर एतबार कैसे,
यह तो उड़ने की लत से सराबोर रहते हैं
मुश्किल वक्त में तन्हां रहने पर,
आसमां में उड़ान भरने लगते हैं।

अब तो दुःख इस बात का है,
बच्चे भी परिंदों जैसे हो गए हैं
माँ-बाप के साथ साथ रहकर,
सम्हलते हुए बड़े होते हैं
बड़े हुए नौकरी लगी,
शादी-विवाह के
उत्साहित भंवर में फंसे,
और फिर आजादी के लिए
अमृत संसार त्याग कर,
फुर्र से उड़ने को बेताब हो जाते हैं।

माँ-बाप का ख्याल रखना भूल जाते हैं,
पत्नी क्या मिली
नए आशियाने की खोज में लग जाते हैं,
अब क्या कहें इन्हें हम!
परिंदों से सब-कुछ सीख रहे हैं
मुश्किल वक्त में तन्हां रहने को,
माँ-बाप को मजबूर कर रहे हैं।

रब मुझको तुमसे शिकायत है,
क्यों यहां ढायी जा रही सियासत है ?
कितनी खैरियत और रिवायतों को,
मैंने यहां इसी कश्मकश भरी जिंदगी में,
देखा और परखा है
बस एक ही बात यहां सच निकली है,
अरमानों को माँ-बाप से,
पूरा कराने की जिद खूब करो,
जिम्मेदारी मिली उन्हें, तो फुर्र से उड़ो।

यह नई दुनिया की रिवायत है जनाब,
बस समझो तेरी नादानियाँ थी
परवरिश करने की यहां,
उम्मीद मत रख परिंदों से यहां।

बस बड़े क्या हुए तेरे नन्हें सुमन,
मस्ती में डूब जाते हैं उनके मन
यही जिंदगी की सच्चाई है,
बस सब-कुछ में बच्चों की देते दुहाई हैं।
बच्चों पर यकीन करने वाले,
सुकून नहीं पाते हैं यहां॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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