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बेटी की आरजू

विजय कुमार
मणिकपुर(बिहार)

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मम्मी मुझे बचाओ,
पापा को समझाओ
बेटा-बेटी में अंतर है क्या ?
ये तो मुझे बताओ।

एक पेड़ की डाल हूँ मैं,
उसी डाल की पात हूँ मैं
अंतर कहाँ से आया पापा,
ये तो मुझे बताओ पापा।

बेटा कहाँ से आया पापा,
ये तो मुझे बताओ पापा
दादा-दादी की स्नेह कहानी,
मुझे भी सुनाओ पापा।

आँख क्यों भर आई पापा,
मुझ पे दया दिखाओ पापा
नई क्रांति लाओ पापा,
बेटा-बेटी की अंतर मिटाओ पापा।

मम्मी मुझे बचाओ,
पापा को समझाओ
बेटा-बेटी में अंतर है क्या,
ये तो मुझे बताओ॥

परिचय-विजय कुमार का बसेरा बिहार के ग्राम-मणिकपुर जिला-दरभंगा में है।जन्म तारीख २ फरवरी १९८९ एवं जन्म स्थान- मणिकपुर है। स्नातकोत्तर (इतिहास)तक शिक्षित हैं। इनका कार्यक्षेत्र अध्यापन (शिक्षक)है। सामाजिक गतिविधि में समाजसेवा से जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता एवं कहानी है। हिंदी,अंग्रेजी और मैथिली भाषा जानने वाले विजय कुमार की लेखनी का उद्देश्य-सामाजिक समस्याओं को उजागर करना एवं जागरूकता लाना है। इनके पसंदीदा लेखक-रामधारीसिंह ‘दिनकर’ हैं। प्रेरणा पुंज-खुद की मजबूरी है। रूचि-पठन एवं पाठन में है।

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