ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
***************************************
रक्षाबंधन विशेष….
‘रक्षाबंधन’,
एक पवित्र त्यौहार है
जो भाई-बहन के रिश्ते को,
पवित्र धागे में बांधे रखता है।
ये पवित्र धागा,
केवल धागा ही नहीं है बल्कि
एक वादा है,
जो सुख-दुःख में साथ निभाने की,
शपथ याद दिलाता है।
भाई-बहन का ये पवित्र रिश्ता,
भावों का सृजन है
बचपन की यादों का,
सुखद स्मरण है।
ये राखी का बंधन,
केवल बंधन ही नहीं है
हृदय का स्पंदन है,
आत्मिक प्रेम का,
सुनहरा चंदन है।
भाई-बहन के इस रिश्ते को,
कभी ग्रहण ना लगे
विश्वास का ये धागा,
हमेशा बंधा रहे।
ये धागा भाइयों को अपनी,
जिम्मेदारी का एहसास
याद दिलाता रहे॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।