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अकादमी एवं महाविद्यालय ने कराया ‘मातृभाषा महोत्सव’

दिल्ली।

‘अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस’ के अवसर पर हिंदुस्तानी भाषा अकादमी एवं किरोड़ीमल महाविद्यालय की ‘भारतीय भाषा समिति’ के संयुक्त तत्वाधान में ‘मातृभाषा महोत्सव’ का आयोजन किया गया। ४ सत्रों में इस महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना से हुआ।
इस आयोजन में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अनेक विवि के विद्यार्थियों तथा भारतीय भाषाओं के संवर्धन एवं उनके उत्थान के लिए समर्पित विद्वानों ने सहभागिता की। प्रथम सत्र में ‘हिंदुस्तानी भाषा अकादमी’ की पत्रिका ‘हिंदुस्तानी भाषा भारती’ के नवीन अंक का लोकार्पण किया गया।
‘मातृभाषा’ के उन्नयन के माध्यम से एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण’ विषय पर केंद्रित परिचर्चा में उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो. के.पी. सिंह (निदेशक गांधी भवन, दिल्ली विवि) विशिष्ट अतिथि प्रो. निरंजन कुमार (अधिष्ठाता योजना एवं मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम, दिल्ली विवि) तथा किरोड़ीमल महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. दिनेश खट्टर ने अपने-अपने सारगर्भित विचार रखे।
इस अवसर पर ‘हिंदुस्तानी भाषा अकादमी’ के अध्यक्ष सुधाकर पाठक ने लुप्त होती जा रही भाषाओं पर अपनी गहन चिंता व्यक्त की। उन्होंने हिंदी भाषा का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार पहले उससे उसके शब्द छीने गए, उसके बाद वाक्यांश, फिर वाक्य और अब लिपि भी छीनी जा रही है।
दूसरे सत्र में विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों से आए छात्र-छात्राओं के मध्य वक्तव्य प्रतियोगिता आयोजित कर प्रथम, द्वित्तीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को स्मृति चिन्ह व पदक देकर सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि केंद्रीय हिंदी निदेशालय के सहायक निदेशक डॉ. दीपक पांडे, डॉ. नूतन पांडे, आधुनिक भारतीय भाषा दिल्ली विवि के प्रो. वेंकट रमय्या गंपा तथा प्रो. उमा देवी आदि ने भी विचार रखे।
तृतीय सत्र में छात्र-छात्राओं और सुप्रसिद्ध कवि-कवियत्रियों ने भी काव्य पाठ किया। इनमें डॉ. पूजा कौशिक, इंदु मिश्रा, सीमा सिंह, नोरिन शर्मा, प्रमुख हैं। संचालन डॉ. विनय गुप्ता, डॉ. वनीता शर्मा एवं विनोद पाराशर ने किया। आभार ज्ञापन विजय शर्मा ने किया।

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