राष्ट्रकवि गुप्त जयंती…
वर्धा (महाराष्ट्र)।
प्रत्येक भारतवासी के व्यक्तिगत संकल्पों में जब तक देश भी नहीं जुड़ेगा, तब तक सपनों के भारत का निर्माण नहीं होगा। हम कथनी और करनी में भेद वाली विरोधाभासी संस्कृति की ओर जा रहे हैं। समाधान यही है कि, प्रत्येक भारतवासी के व्यक्तिगत संकल्पों में देश जुड़े।
यह विचार राष्ट्रकवि स्मृति समिति (वर्धा) द्वारा आयोजित राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त की १३८वीं जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि एवं वक्ता दत्ता मेघे उच्च शिक्षा एवं संशोधन संस्था (अभिमत विश्वविद्यालय, वर्धा) के प्रो-चांसलर एवं मुख्य सलाहकार डॉ. वेद प्रकाश मिश्रा ने गुप्त जी के प्रबंध काव्य ‘भारत-भारती’ की सुप्रसिद्ध पंक्ति ‘हम कौन थे, क्या हो गए, और क्या होंगे अभी’ आधारित विषय पर व्यक्त किए।
राष्ट्रभाषा प्रचार समिति के पं. रामेश्वर दयाल दुबे सभागार में बुधवार को आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता समिति के प्रधान मंत्री डॉ. हेमचन्द्र वैद्य ने की। विशिष्ट अतिथि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कृष्ण कुमार सिंह, विदर्भ साहित्य संघ, नागपुर के अध्यक्ष प्रदीप दाते, स्मृति समिति के संयोजक डॉ. ओम प्रकाश गुप्ता एवं दत्ता मेघे विवि के समन्वयक डॉ. एस.एस. पटेल भी मंचासीन रहे। प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं गुप्त जी की तस्वीर पर माल्यार्पण से किया गया। बीज वक्तव्य महात्मा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व अधिष्ठाता डॉ. गुप्ता ने देते हुए गुप्त जयंती आयोजनों की जानकारी प्रस्तुत की।
प्रो. सिंह ने कहा कि, गुप्त जी की रचनाओं में वर्तमान की दुर्व्यवस्था प्रकट होती है और उनमें देश, युग व मानवता की चिंताएं होती हैं। मंचासीन अतिथियों ने अनेक पुरस्कारों से सम्मानित साहित्यकार आनंद जातेगांवकर द्वारा महाभारत की पृष्ठभूमि पर आधारित पुस्तक ‘व्यासांचा वारसा’ के हिंदी अनुवाद ‘व्यास की विरासत’ का विमोचन भी किया। अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. हेमचंद्र वैद्य ने गुप्त जी की कालजयी रचनाओं का संदर्भ देते हुए वर्तमान में उनकी प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। समारोह में संस्थान की विद्यार्थी साहित्य परिषद द्वारा आयोजित राष्ट्रकवि स्मृति अंतर महाविद्यालयीन बहुभाषीय काव्य स्पर्धा के पुरस्कृत छात्रों ने काव्य पाठ किया। अतिथियों ने उन्हें पुरस्कार दिए।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनीषा भालावी और डॉ. अनुपमा गुप्ता ने किया। जनसम्पर्क अधिकारी बुद्धदास मिरगे ने आभार व्यक्त किया।