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बहुत प्रेम है आपसे

डॉ. वंदना मिश्र ‘मोहिनी’
इन्दौर(मध्यप्रदेश)
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देखती हूँ जब भी,
मैं अपने अश्क को
आईने में अमूमन,
तब-तब
इन नमी-सी आँखों में,
ख्वाब नजर आता है।
अठखेलियाँ करता है,
वक़्त मुझसे
तब-तब,
ले जाता है,मुझे उस युग की ओर
जहाँ पीड़ा थी मीरा जैसी,
मिलन कुछ राधा-सा
दोनों ही हैं कुछ पूरे से,
दोनों में ही कृष्ण आधा-सा।
तब-तब,
तुम्हारे लिए इस
हृदय की कोमल अभिव्यक्तियां,
सदैव सुन्दर,गझिन(घनी)
और शाश्वत,निश्छल,
गंगा-सी पवित्र हो जाती है।
तुम दूर रह कर भी,
तब-तब
सदैव साथ रहते हो।
सदैव याद रहता है,
यह दिन,क्योंकि…
बहुत प्रेम है आपसे…॥

परिचय-डॉ. वंदना मिश्र का वर्तमान और स्थाई निवास मध्यप्रदेश के साहित्यिक जिले इन्दौर में है। उपनाम ‘मोहिनी’ से लेखन में सक्रिय डॉ. मिश्र की जन्म तारीख ४ अक्टूबर १९७२ और जन्म स्थान-भोपाल है। हिंदी का भाषा ज्ञान रखने वाली डॉ. मिश्र ने एम.ए. (हिन्दी),एम.फिल.(हिन्दी)व एम.एड.सहित पी-एच.डी. की शिक्षा ली है। आपका कार्य क्षेत्र-शिक्षण(नौकरी)है। लेखन विधा-कविता, लघुकथा और लेख है। आपकी रचनाओं का प्रकाशन कुछ पत्रिकाओं ओर समाचार पत्र में हुआ है। इनको ‘श्रेष्ठ शिक्षक’ सम्मान मिला है। आप ब्लॉग पर भी लिखती हैं। लेखनी का उद्देश्य-समाज की वर्तमान पृष्ठभूमि पर लिखना और समझना है। अम्रता प्रीतम को पसंदीदा हिन्दी लेखक मानने वाली ‘मोहिनी’ के प्रेरणापुंज-कृष्ण हैं। आपकी विशेषज्ञता-दूसरों को मदद करना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“हिन्दी की पताका पूरे विश्व में लहराए।” डॉ. मिश्र का जीवन लक्ष्य-अच्छी पुस्तकें लिखना है।

 

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