कुल पृष्ठ दर्शन : 183

You are currently viewing साफ़ कहो तो बेहतर है

साफ़ कहो तो बेहतर है

कृष्ण कुमार कश्यप
गरियाबंद (छत्तीसगढ़)

**********************************************************************

(रचना शिल्प:२२२२ २२२२ २२२२ २२२)

जो कुछ है मन के अंदर वो साफ़ कहो तो बेहतर है।
यूँ ही बक-बक करने से चुप रह जाओ तो बेहतर है।

मन से सोचो सब अपने हैं कोई भी न पराया है,
मैल अगर हो दिल में कोई साफ़ रखो तो बेहतर है।

कहते हैं लोग अंतरात्मा झूठ नहीं कहती है कभी,
तुम भी अपने ही दिल की गर बात सुनो तो बेहतर है।

आये हो इस दुनिया में तो कुछ नेकी का काम करो,
जो सोता वो है खोता अब तुम जागो तो बेहतर है।

मिलजुल कर है चलते रहना,है जीवन की रीत यही,
सबको अपने गले लगा के हमराह बनो तो बेहतर है।

दौलत के आगे सब फीका सोच तुम्हें ये बदलनी है,
लालच जग में बुरी बला है,धीर धरो तो बेहतर है।

दौलत के पीछे मत भागो,रहती कब है संग सदा,
छोड़ो मत अपनों को उनके साथ चलो तो बेहतर है॥

परिचय-कृष्ण कुमार कश्यप की जन्म तारीख १७ फरवरी १९७८ और जन्म स्थान-उरमाल है। वर्तमान में ग्राम-पोस्ट-सरगीगुड़ा,जिला-गरियाबंद (छत्तीसगढ़) में निवास है। हिंदी, छत्तीसगढ़ी,उड़िया भाषा जानने वाले श्री कश्यप की शिक्षा बी.ए. एवं डी.एड. है। कार्यक्षेत्र में शिक्षक (नौकरी)होकर सभी सामाजिक गतिविधियों में सहभागिता करते हैं। इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी और लघुकथा है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचना प्रकाशित है। प्राप्त सम्मान-पुरस्कार में साहित्य ग़ौरव सम्मान-२०१९, अज्ञेय लघु कथाकार सम्मान-२०१९ प्रमुख हैं। आप कई साहित्यिक मंच से जुड़े हुए हैं। अब विशेष उपलब्धि प्राप्त करने की अभिलाषा रखने वाले कृष्ण कुमार कश्यप की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा को जन-जन तक पहुंचाना है। इनकी दृष्टि में पसंदीदा हिंदी लेखक- मुंशी प्रेमचंद हैं तो प्रेरणापुंज-नाना जी हैं। जीवन लक्ष्य-अच्छा साहित्यकार बनकर साहित्य की सेवा करना है। देश और हिंदी भाषा के प्रति आपके विचार-“मेरा भारत सबसे महान है। हिंदी भाषा उसकी शान है।”

Leave a Reply