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मन टूट जाएगा

कवि योगेन्द्र पांडेय
देवरिया (उत्तरप्रदेश)
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अभिमान देह पर, प्रबल हो जाए यदि,
मन यह होके कमजोर टूट जायेगा॥
मतलबी साथी कोई, मिल जाए जग में तो,
दोस्ती निभाने वाला, यार छूट जायेगा॥

मातृभूमि पर यदि, प्राण त्याग किया नहीं,
देशभक्ति भाव से, भरोसा उठ जायेगा॥
युवा पीढ़ी को ना सही, राह दिखलायेंगे तो,
माता भारती का स्वाभिमान लुट जायेगा॥

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