हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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आओ चलें हम सकारात्मक ऊर्जा की ओर,
सूर्य का यह उत्तरायण उजालों का प्रतीक है।
अन्धकार को भगाते हुए फिर आगे बढ़ते जाएं,
आओ आसमान में पतंगें उड़ाएं।
तिल-गुड़ की मिठास से मन के क्लेश को दूर भगाएं,
आओ मिलकर मकर संक्रांति पर्व मनाएं।
ऊर्जा, प्रकाश, खुशी और यह मिठास कहाँ है मिलती,
यह तो भारत है, जहां पर्व- त्यौहारों का उत्सव है।
चारों और जीवन में उमंगता व उल्लास है,
तभी तो यह आसमान में उजालों का आकाश है।
सकारात्मकता से जीवन को ज़ीने के लिए,
यह पर्व-तीज-त्योहार संदेश देते हैं।
उजालों के इस संसार में,
सिर्फ प्रकाश ही मनोबल बढ़ाता है
अन्धकार के इस भवसागर से निकाल कर,
हमें जीवन में कृतज्ञता का भाव सिखाता है।
आओ चलें हम सकारात्मक ऊर्जा की ओर,
सूर्य का यह उत्तरायण उजालों का प्रतीक है…॥