कुल पृष्ठ दर्शन : 265

You are currently viewing मेरी अधूरी प्रेम कहानी…

मेरी अधूरी प्रेम कहानी…

सुजीत जायसवाल ‘जीत’
कौशाम्बी-प्रयागराज (उत्तरप्रदेश)
*******************************************

तोड़कर दिल मेरा,तू बता क्या मिला ?
हुस्न की मल्लिका,रूप तेरा खिला।
तू मिलेगी हमें,था यकीं इस क़दर,
रब से मांगा तुम्हें,पर मिला बस ग़िला।

हम हैं भावुक प्रिये,हो मिलन डट गए,
तेरी छवि देख के,दिल से हम सट गए।
तेरी मलमल की कुर्ती,ग़ुलाबी चुनर,
पुष्प-सी पंखुड़ी,काँटों से फट गए।

तेरी हर इक अदा पर,फ़िदा है जिला,
छू सका न कभी,ख़्वाब में जो मिला।
जाने किसकी नज़र,लग गई देखकर ?
नींद टूटी मेरी,सब ख़तम सिलसिला॥

Leave a Reply