ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
***************************************
साहस-उत्साह-हिम्मत….
ये वक्त भी गुजर जाएगा,
तू लक्ष्य बनाकर बढ़ता चल
मुसीबतें तो आती रहेगी,
तू बेझिझक इनसे लड़ता चल।
मेहनत करने वाले अक्सर,
मंजिल को पाया करते हैं
फल की चिंता करने वाले,
तू नेक कर्म कमाता चल।
गर दुखों से भरा है जीवन,
एक दिन सुख भी आएगा
जीवन के उतार-चढ़ाव में,
तू किस्मत आजमाता चल।
जिनका नहीं कोई संगी-साथी,
उनका बनो सहारा तुम
मंजिल की कठिन राह पर
तू शीतल छाया करता चल।
मात-पिता की सेवा से बढ़कर,
पुण्य नहीं कोई जगत में दूसरा।
निश्चित फल मिलेगा एक दिन,
तू सबको गले लगाता चल॥
परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।