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चंद्रशेखर आजाद

बाबूलाल शर्मा
सिकंदरा(राजस्थान)
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चंद्रशेखर आजाद शहीद दिवस स्पर्धा विशेष………..


तिवारी कुल का दीपक था,सुभागी मात जगरानी!
व सीताराम जी पितु थे,निवासी भाँवरा मानी!
जुलाई जन्म का महिना,सदी थी बीसवीं सन छ:!
मिली खुशियाँ सखे घर में,तिवारी मौज पहचानी!

गुलामी देश की अखरी,बने वे क्रांति सेनानी!
सखे बिस्मिल सरीखे थे,भगत से संग दिलदानी!
करें आजाद भारत को,लगाते थे यही नारा!
जनेऊ पहनते तन पर,रखी थी मूँछ अभिमानी!

अदावत को चलाने को,जरूरत थी उन्हें धन की!
खजाना रेल से लूटा,लगाई शर्त जीवन की!
कई साथी चढ़े फाँसी,गये कुछ जेल दीवाने!
रहे आजाद बस शेखर,पकड़ से दूर शासन की!

फरवरी माह सत्ताईस थी अल्फ्रैड की बातें!
उन्नीस सौ इकतीस में,हुई भेदी चली घातें!
मुखबिरों की निशानी से चले अंग्रेज आए थे!
वहीं आजाद थे बैठे,निभाने देश से नाते!

नमन है चंद्र शेखर को,रहे आजाद जीवनभर!
खौफ अंग्रेज खाते थे,डरे सहमे से जीवनभर!
तभी अल्फ्रैड में घेरा,अकेला सिंह गुर्राया!
पकड़ में आ नहीं सकता,रहूँ आजाद जीवनभर!

चली थी गोलियाँ भारी,उभय पक्षी निशाना था!
प्रतिष्ठा भी उभय पक्षी,उन्हें पौरुष दिखाना था!
तभी आजाद ने देखा,बची बस एक थी गोली!
सदा आजाद रहने को,स्वयं वादा निभाना था!

स्वयं को मार कर गोली,रखा आजाद अपने को!
पकड़ पाए नहीं मुझको,किया सम्पूर्ण सपने को!
शहादत का दिखा पथ वे,गये सुर धाम में साथी!
दिखाई क्रांति की शक्ति,वतन के हेतु खपने को!

नमन है चंद्र शेखर को,तिवारी कुल शहादत को!
उठे थे हाथ कोटिश तब,शहादत को इबादत को!
हटे कब क्रांति से पीछे,सभी नारे लगाते थे!
अमानत की हिफाजत में,नहीं भूलें अदावत को!

रखें आजाद भारत में,सदा सम्मान हम उनका!
चलें सत मार्ग पर उनके,कर्ज है देश पर जिनका!
रहे यह रीति बलिदानी,शहीदी शान परिपाटी!
मरें हम देश भारत हित,यही है मोल जीवन का!

परिचय : बाबूलाल शर्मा का साहित्यिक उपनाम-बौहरा हैl आपकी जन्मतिथि-१ मई १९६९ तथा जन्म स्थान-सिकन्दरा (दौसा) हैl वर्तमान में सिकन्दरा में ही आपका आशियाना हैl राजस्थान राज्य के सिकन्दरा शहर से रिश्ता रखने वाले श्री शर्मा की शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. हैl आपका कार्यक्षेत्र-अध्यापन(राजकीय सेवा) का हैl सामाजिक क्षेत्र में आप `बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ` अभियान एवं सामाजिक सुधार के लिए सक्रिय रहते हैंl लेखन विधा में कविता,कहानी तथा उपन्यास लिखते हैंl शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र में आपको पुरस्कृत किया गया हैl आपकी नजर में लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः हैl

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