बोधन राम निषाद ‘राज’
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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माता वीणा वादिनी,देना मुझको ज्ञान।
शीश झुकाऊँ द्वार पे,हूँ बालक नादान॥
हूँ बालक नादान,कृपा मुझ पर बरसाना।
वीणा की झंकार,सात सुर आप बजाना॥
कहे विनायक राज,नहीं मुझको कुछ आता।
करो हृदय में वास,शारदा आओ माता॥