एम.एल. नत्थानी
रायपुर(छत्तीसगढ़)
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भावों को व्यक्त करने जो,
शब्दों का चयन होता है
कभी घायल चोटिल हो,
कैसा दिल तड़पता है।
बातचीत की कला खूब,
जग में पहचान बनाती है
शब्दों के मधु में छलके,
अमृत रस बरसाती है।
शब्दों में अपार संभावना,
सब संभव कर जाती है
निराश मन में जीने की,
नई आशा भर जाती है।
मन की बातें मन में रहती,
शब्द असर कर जाते हैं।
सोच-समझ कर बोलेंगे,
तो जादू भी कर जाते हैं॥