प्रीति शर्मा `असीम`
नालागढ़(हिमाचल प्रदेश)
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मँहगाई पर आम आदमी शोर तो मचाता है,
फिर अगले ही पल
सरकार की नीतियों और पार्टी बाजी में,
बीच का रास्ता अख्तियार कर निकल जाता है।
खबरों, धरनों, जलसों में हाहाकार कर,
बढ़ती महंगाई का रोना तो रोए जाता है
और अपनी ही जरूरतों की चादर,
फाड़ मीलों आगे निकल जाता है।
महंगाई पर आम आदमी शोर तो मचाता है…
फ्री का राशन,बिजली-पानी अन्य सुविधाओं के,
आँकड़ों का चलन जन-जन तक कितना पहुंच पाता है
जरूरतमंद को तो मिलता नहीं,
जमाखोरों का गोदाम भर जाता है।
मँहगाई का आँकड़ा दिन-ब-दिन और बढ़ जाता है,
जिंदगी की जरूरतों और भूख को पाटते-पाटते ।
आम आदमी और मँहगाई के बीच का फासला,
जीने की सभी दलीलों को दरकिनार कर जाता है॥
परिचय-प्रीति शर्मा का साहित्यिक उपनाम `असीम` है। ३० सितम्बर १९७६ को हिमाचल प्रदेश के सुंदर नगर में अवतरित हुई प्रीति शर्मा का वर्तमान तथा स्थाई निवास नालागढ़ (जिला सोलन, हिमाचल प्रदेश) है। आपको हिन्दी, पंजाबी सहित अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। आपकी पूर्ण शिक्षा-बी.ए.(कला), एम.ए.(अर्थशास्त्र, हिन्दी) एवं बी.एड. भी किया है। कार्यक्षेत्र में गृहिणी `असीम` सामाजिक कार्यों में भी सहयोग करती हैं। इनकी लेखन विधा-कविता, कहानी, निबंध तथा लेख है। सयुंक्त संग्रह-`आखर कुंज` सहित कई पत्र-पत्रिकाओं में आपकी रचनाएं प्रकाशित हैं। लेखनी के लिए अनेक प्रंशसा-पत्र मिले हैं। सामाजिक संचार में भी सक्रिय प्रीति शर्मा की लेखनी का उद्देश्य-प्रेरणार्थ है। आपकी नजर में पसंदीदा हिन्दी लेखक- मैथिलीशरण गुप्त, निराला जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा और पंत जी हैं। समस्त विश्व को प्रेरणापुंज मानने वाली `असीम` के देश और हिंदी भाषा के प्रति विचार-‘यह हमारी आत्मा की आवाज़ है। यह प्रेम है, श्रद्धा का भाव है कि हम हिंदी हैं। अपनी भाषा का सम्मान ही स्वयं का सम्मान है।’