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संकटमोचक भारत

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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अहसास नहीं दिखाते हुए,
मददगार साबित होने का
पराक्रम भारत की बढ़ती,
अद्भुत ताकत और शौर्य का
स्वर्णिम व नवीनतम आयाम है,
वृहद और अतुल्य सोच का
सबसे अनोखा व सुखद परिणाम है।

दुनिया में एक उन्नत संस्कार से सनी,
हर क्षेत्र में भारतीयता नज़र आ रही है
मुश्किल वक्त में हालात,
पड़ोसी अथवा दूरस्थ देशों के लिए
उनकी बेहद तकलीफ़ वाली स्थिति होने पर,
मित्र राष्ट्र सहित विश्व के सभी मित्र देशों को
हरपल हरक्षण मदद पहुंचा रहा है,
लम्बी दूरी कभी नहीं बनी बाधा
आज़ वैश्विक पहचान बन कर,
भारत अपनी नई पहचान बना रहा है
अखण्ड भारत और आर्यावर्त की ताकत,
विश्व भर में दिखला रहा है।

आपरेशन ‘राहत’ और ‘दोस्त’ एक नजीर,
बेहतरीन फनकार की तरह बचाव
उत्तम मानवीय सन्देश दे रहा है,
आपदा की विपदा में सिरमौर बन कर
मुश्किल के वक्त में दरियादिली दिखलाकर,
हृदय पुष्प से सम्मोहित कर रहा है।

भारत द्वारा मदद और बचाव,
सम्पूर्ण मानव-जाति के लिए
सहजता और सरलता संग समर्पित भाव से,
अपना सौंदर्य व श्रंगार दिखला रहा है
लाखों लोगों को सही दिशा में सहारा देते हुए,
मानवीय संवेदना की बेशकीमती,
उपहार स्वरूप में कीमती जानें बचा रहा है।

मानवीय मूल्यों को स्थापित करने में,
भारत माता के सपूतों की विश्वभर में
असंख्य आकर्षणों से सना खूब दिखता प्यार है,
संकटमोचक के विशिष्ट गुणों से
अत्यंत उम्दा व भरपूर होने के कारण,
वैश्विक मंचों पर भारत की
इसलिए हो रही खूब जयकार है।

भारतीयता और सांस्कृतिक विरासत से सना,
आपदाओं को निपटाने का अनोखा संयोजन
भारतीयता की वैश्विक पहचान बन गई है,
विश्वभर के शिखर देशों में शुमार भारत आज़
सबके कल्याण और परोपकार के लिए,
विश्वभर में आज़ पालनहार बन चुका है।

दुनिया के लिए संकटमोचक बनता भारत,
आज़ ख़ुद-ब-खुद सुर्खियाँ बटोर रहा है
इस कारण आज़ आर्यावर्त व भरतखण्ड,
अपनी संस्कृति और संस्कार को
वैश्विक स्तर पर पुष्पित और पल्लवित कर,
सबके कल्याण में सिरमौर बन चुका है।

यही भारतवर्ष की संस्कृति व सभ्यता की,
सदियों से चली आ रही उन्नत पहचान है।
समस्त जगत में इस कारण आर्यावर्त की,
आज़ सुखद वैश्विक पहचान है॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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