डॉ.सोना सिंह
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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गणतंत्र दिवस विशेष…

मत करो आत्मसमर्पण,
तुम अपना संविधान रचो।
मूल्यों की निष्ठा पहचानो,
तुम अपना इतिहास स्वयं लिखो।
आत्मा की आजादी है बेमोल,
इसके लिए प्राण उत्सर्ग करो।
जीवन है तुम्हारा,
तुम इसके स्वयं कर्णधार बनो।
मत करो आत्मसमर्पण,
तुम अपना संविधान रचो।
पहचानो अपना-पराया,
सीखो परायों को अपनाना।
इस कला में पारंगत बनो,समझे सब तुम्हें अपना,
तुम ऐसे मनोविज्ञान बनो।
सत्ता संघर्ष में ना पड़ो,
स्वयं की सत्ता का नवपद रचो।
जीवन निर्माण सत्य को जानो,
तुम आत्म विकास की बात करोl
परिचय-डॉ.सोना सिंह का बसेरा मध्यप्रदेश के इंदौर में हैL संप्रति से आप देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,इन्दौर के पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला में व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैंL यहां की विभागाध्यक्ष डॉ.सिंह की रचनाओं का इंदौर से दिल्ली तक की पत्रिकाओं एवं दैनिक पत्रों में समय-समय पर आलेख,कविता तथा शोध पत्रों के रूप में प्रकाशन हो चुका है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के भारतेन्दु हरिशचंद्र राष्ट्रीय पुरस्कार से आप सम्मानित (पुस्तक-विकास संचार एवं अवधारणाएँ) हैं। आपने यूनीसेफ के लिए पुस्तक `जिंदगी जिंदाबाद` का सम्पादन भी किया है। व्यवहारिक और प्रायोगिक पत्रकारिता की पक्षधर,शोध निदेशक एवं व्यवहार कुशल डॉ.सिंह के ४० से अधिक शोध पत्रों का प्रकाशन,२०० समीक्षा आलेख तथा ५ पुस्तकों का लेखन-प्रकाशन हुआ है। जीवन की अनुभूतियों सहित प्रेम,सौंदर्य को देखना,उन सभी को पाठकों तक पहुंचाना और अपने स्तर पर साहित्य और भाषा की सेवा करना ही आपकी लेखनी का उद्देश्य है।