कुल पृष्ठ दर्शन : 374

You are currently viewing समाज वैभव

समाज वैभव

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
***********************************

समाज वैभव प्रतीक है,
उन्नति का मार्ग है
संस्कृतिकरण है,
सम्पूर्णता का पर्याय है
उत्तम विचार है,
उन्नत व्यवहार है
उपचार भी।

नवीनतम उद्गार है,
मजबूत उद्यम भी
पुरातन को याद करने का उत्साह भी,
उल्लास भी
उमंग का सामना करने वाली,
एक उत्कृष्ट ख़ोज भी।

सहचर भी आदर्श भी,
अपनेपन का सुन्दर श्रंगार भी
विपरित परिस्थितियों में स्वीकार भी,
खुशियाँ बांटने में
साथी-सा मिलता प्यार भी,
खुशियाँ बटोरने में अतुलनीय भी
अनगिनत मिलता साथ भी,
सफल उदाहरण भी,
प्रगति रक्षक उद्देश्य भी।

समाज के लिए दीपक समान,
अभिमान अभिषेक और स्वाभिमान भी
उत्तम अनमोल अनूठा उपहार भी,
संगत का उपचार भी,
एक नजीर भी
उन्नत भाव से पूर्ण खोज भी,
आओ हम-सब मिलकर
उन्नत जागृत पर्व मनाएं।
समाज वैभव को,
अनंतकाल तक
हर दिल में संजोकर,
जिन्दा रखने योग्य बनाएं॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

Leave a Reply