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सवेरा लाएंगे

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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नया उजाला-नए सपने…

हम सब एक सवेरा लाएंगे,
खुशियाँ बांटकर खूब मस्ती करते हुए
नववर्ष का उत्सव मनाएंगे,
प्रकृति के चक्र से
सबको रूबरू कराएंगे,
खुशियाँ बांटने के नए-नए
बहाने से अवगत कराएंगे।

जीवन्त उदाहरण संग,
नववर्ष का गूढ़ रहस्य लोगों को बताएंगे
आनंदित होकर अपने जीवन में,
खुशियाँ और सुकून पाएंगे
परिवार और समाज में,
नवगीत गाते जाएंगे
सामाजिक समरसता को,
मजबूती से आगे बढ़ाएंगे।

सुख-दुःख पर न रोएंगे-हँसेंगे,
मिलकर दुःख-सुख को
सम्मिलित रूप में आनन्द से,
जीवन में खुशहाली लाएंगे
अपने संयुक्त परिवार संग,
आस-पड़ोस और मित्रों-रिश्तेदारों से
आनन्द और प्रसन्नता को,
बांटकर खूब मस्ती मनाएंगे
घर-घर जाकर खुशियों की,
तिजोरी खोलकर
बांटने में लग जाएंगे।

बीते वर्ष पर प्यार से,
ग़म नहीं बरसाएंगे
नववर्ष में नवगीत गाकर,
नवजीवन देने लग जाएंगे
नया उजाला नया सपने,
मन को आनंदित करेगा यहां।
नववर्ष आगमन पर सबको खुशियों से,
मालामाल कर देगा नूतन वर्ष यहां॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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