कुल पृष्ठ दर्शन : 528

You are currently viewing हर घर दिवाली हो…

हर घर दिवाली हो…

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
***********************************************

हो हरित वसुंधरा….

चारों तरफ हरियाली हो,
जीवन में खुशहाली हो
हरी-भरी रहे वसुंधरा,
हर घर में दिवाली हो।

उड़ते पक्षी नील गगन से,
मंगल गीत सुनाते हों
लोगों को संदेश देकर,
मंजिल अपनी पाते हों।

कल-कल करते झरने,
जीवन का राग सुनाते हों
फूलों की खुशबू के संग,
भंवरे गुनगुनाते हों।

धरती माता की गोद में,
ममता की सी छाँव हो
लहर-लहर लहराती फसलें,
सबका दिल हर्षाती हो।

मन में उमंग जगे सभी के,
कुछ नया कर जाने को
रिमझिम-रिमझिम बारिश हो,
सबका मन मोह लेने को।

जीवन में कभी ग़म न आए,
पूरब की सी लाली हो।
सबको अपना हक़ मिले,
खुशियाँ भी मतवाली हो॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

Leave a Reply