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अर्धनार-सा मनुष्य

संदीप धीमान 
चमोली (उत्तराखंड)
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स्त्री है ना पुरुष है
अर्धनार-सा मनुष्य है,
मर्दानी और स्त्रैण में-
भाव क्यों विरुद्ध है।

खंड है तो खंडन क्यों
लिंगभेद आडंबर क्यों,
पूज्यनीय अर्धनारीश्वर-
स्वयं भाव क्यों अवरुद्ध है!

वंश में यह दंश क्यों
पुरुषत्व ही अंश क्यों,
मर्दानी में ये मर्द क्यों-
स्त्रैण क्यों विरुद्ध है!

चाव है,भाव है
बराबर के उर घाव है,
एक हाथ शुद्ध तो
दूसरा क्यों अशुद्ध है!

एक मीरा,एक राधा
वैराग्य हर पार भाता,
आत्म से जुड़ा स्त्रैण
मर्द ही क्यों बुद्ध है!!

परिचय- संदीप धीमान का जन्म स्थान-हरिद्वार एवं जन्म तारीख १ मार्च १९७६ है। इनका साहित्यिक नाम ‘धीमान संदीप’ है। वर्तमान में जिला-चमोली (उत्तराखंड)स्थित जोशीमठ में बसे हुए हैं,जबकि स्थाई निवास हरिद्वार में है। भाषा ज्ञान हिन्दी एवं अंग्रेजी का है। उत्तराखंड निवासी श्री धीमान ने इंटरमीडिएट एवं डिप्लोमा इन फार्मेसी की शिक्षा प्राप्त की है। इनका कार्यक्षेत्र-स्वास्थ्य विभाग (उत्तराखंड)है। आप सामाजिक गतिविधि में मानव सेवा में सक्रिय हैं। लेखन विधा-कविता एवं ग़ज़ल है। आपकी रचनाएँ सांझा संग्रह सहित समाचार-पत्र में भी प्रकाशित हुई हैं। लेखनी का उद्देश्य-हिंदी भाषा व भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार करना है। देश और हिन्दी भाषा के लिए विचार-‘सनातन संस्कृति और हिन्दी भाषा अतुलनीय है,जिसके माध्यम से हम अपने भाव अच्छे से प्रकट कर सकते हैं,क्योंकि हिंदी भाषा में उच्चारण का महत्व हृदय स्पर्शी है।

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