उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश)
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मेरी सेना के योद्धा (केंद्र- जनरल बिपिन रावत)
भारत के वीर सपूत सदा ही,बैरी में भरे बगावत,
करुँ नमन नत शीश,अलविदा विपिन जी रावत।
करते जब थे सिंहनाद तो,दुश्मन की छाती फट जाती थी,
लहरे तिरंगा जब बीच गगन में,धरती माता मुस्काती थी।
बने सीडीएस भारत के जब,हम सबने सीना तान लिया,
भारत बनेगा बेमिसाल,रावत जी ने भी यह ठान लिया।
हैलीकॉप्टर दुर्घटना में,पत्नी संग रावत जी अमर हुए,
आठ दिसंबर सन् दो हजार इक्कीस को,ग्यारह सैनिक भी अमर हुए।
सोलह मार्च सन् अट्ठावन में,उत्तर प्रदेश में जन्म लिए,
जीवन जीया था देश की खातिर,पुनर्जन्म हेतु विदा लिए।
भारत के लाल थे सच्चे वीर,वीरता थी कूट कर भरी हुई,
जब होता उनका सिंहनाद तो,दुश्मन की सेना डरी हुई।
कहे ‘उमेश’ जय बोलो कलम तुम,ऐसा अवसर ना आएगा,
कर लो श्रद्धा सुमन अर्पित तुम,वर्ना हरदम कवि पछताएगा॥
परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।