भागचंद ठाकुर
कुल्लू (हिमाचल प्रदेश)
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एक विलक्षण दुनिया,
मनाली-लेह राजमार्ग पर दिखता है अटल टनल का मनमोहक नज़ारा,
इसकी एक झलक पाने के लिए चला आता है जग सारा
पीर पंजाल श्रृंखला में बने हैं अटल सुरंग के दोनों छोर,
एक विलक्षण दुनिया वास करती है रोहतांग के उस ओर
सामरिक दृष्टि से सुरंग का निर्माण था बहुत ही ज़रूरी,
भारत सरकार ने यहाँ के लोगों की भी आस की है पूरी।
कुंजुम और बारालाचा में दिखता है अनोखा नज़ारा,
चन्द्रभागा की लहरों से उठता है ठंडा-सा फुहारा
आलू और गोभी का मिलता है यहाँ पर खज़ाना,
अल्पाइन वनस्पति में शंकुवृक्ष है सबसे पुराना
जुलाई माह में किब्बर गाँव में लगता है लदारचा मेला,
कुल्फी की जगह मिलता है ठण्डी बर्फ का ठेला।
जगह-जगह देखने को मिलता है ग्लेशियर का नूर,
‘द लेडी ऑफ केलांग’ और बड़ा शिगड़ी है सबसे मशहूर
कहीं आकाश छूती चोटियाँ तो कहीं झिलमिलाती झीलें,
कहीं ह्यूनसांग के अभिलेख तो कहीं मिलते है राजाओं के टीले
चन्द्रताल की चमक और सूरजताल का वो नीला पानी,
कायम है आज भी यहाँ बौद्ध सभ्यता की प्राचीन कहानी।
सिस्सू बैली से लेकर सरचु तक की वो अनोखी फ़िजाएं,
मन करता है इस विलक्षण दुनियां में बार-बार आएं
लेह-लदाख का वो शीतल-सा शीत मरूस्थल,
मौसम का मिज़ाज और नज़ारे बदलते हैं यहाँ पल-पल
पैगोंग झील का वो शीशे सा शीतल जल,
सैन्य दस्ते घूमते-फिरते रहते हैं यहाँ हर पल।
जगह-जगह लगे हैं बीआरओ के दिशा-निर्देश,
कुछ ऐसा जैसा है यारों शीत मरूस्थल का देश
कारगिल वाॅर मेमोरियल में है शूरवीरों की शौर्य गाथा,
निन्यानवे में पाकिस्तान का यहाँ ठनकाया था माथा
‘विजय ऑपरेशन’ में दुश्मनों को जिनसे हुआ था खतरा,
वह थे हिमाचल प्रदेश के धुरंधर योद्धा विक्रम बत्रा।
जोजिला पार करने के बाद आता जम्मू और कश्मीर,
बहुत विशेष है यहाँ ग्रामीण केसर से बनी खीर,
मनमोहक है सोनमर्ग-गुलमर्ग की पहाड़ियों का नज़ारा,
डल झील में चक्कर लगाने को मिलता सुन्दर शिकारा
पहाड़ियों की तलहटी में बसा है श्रीनगर का सुंदर शहर,
दिल की धड़कनों में गूँजती है यहाँ की फ़िजाएं हर-पहर।
धारा ३७० हटने के बाद यहाँ है अमन और शांति,
अब यहाँ सुख-चैन मिलता है अन्य राज्यों की भाँति
साच-पास पार करने के बाद आता है चम्बा खजियार,
मणिमहेश में मणियों से चमकता है बाबा का पहाड़।
हे भाई! कुछ ऐसा है रोहतांग के उस पार की विलक्षण दुनिया का नूर,
ज़िन्दगी में एक दफ़ा इस ओर का चक्कर लगाना जरूर॥