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‘कोरोना’:दस्तक, सावधान रहना होगा

ललित गर्ग
दिल्ली
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चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ब्राजील, अमेरिका सहित कई देशों में कोरोना के नई किस्म के मामलों और उससे हुई मौतों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। भारत में भी चीन में तबाही लाने वाले एवं भयंकर तबाही की आहट देने वाले नए मामले मिले हैं, जो गहरी चिन्ता बढ़ा रहे हैं। सरकार सर्तक हो गई है, आम जनता को भी सावधान रहना होगा। मुख पट्टी पहनने एवं बूस्टर खुराक के अभियान को गति देनी होगी। सार्वजनिक भीड़ को कम करना होगा, सभाओं, त्यौहारों, राजनीतिक आयोजनों पर नियंत्रण करना होगा, शालाओं को भी सावधान रहना होना होगा। जरूरत पड़े तो ‘तालाबंदी’ भी की जाए। सब जानते हैं कि इस विषाणु और उसके संक्रमण से उपजी बीमारी की शुरुआत चीन से हुई थी और उसके बाद दुनिया का अनुभव बेहद त्रासद, डरावना एवं विस्फोटक रहा। यही वजह है कि अब एक बार फिर चीन में जब कोरोना संक्रमण से हालात बिगड़ने की खबरें आ रही हैं, तब दुनिया के अनेक देशों के साथ-साथ भारत में भी चिंता की लहर दौड़ गई है। चीन में स्थिति नियंत्रण से बाहर जा रही है तो नई लहर फिर बड़े महासंकट का इशारा कर रही है। अब इस नई लहर को लेकर जैसे भयावह दृश्य चीन में बने हैं, वे डर एवं आशंका का माहौल बना रहे हैं, भारत में सुरक्षित जीवन के लिए बूस्टर डोज एक जरूरी एवं उपयोगी कदम है।
लम्बे समय से महामारी को लेकर राहत का माहौल हमने देखा था, उससे यह लगने लगा था कि अब शायद दुनिया पहले की तरह सामान्य स्थिति की ओर लौट रही है, लेकिन अब फिर चीन सतर्क रहने की चेतावनी दे रहा है, ताकि समय रहते कोरोना के फैलाव को रोका जा सके। भारत ने पूर्व में कोरोना महामारी को परास्त करने में जो उपक्रम किए, वैसे ही उपक्रम की जरूरत है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए भारत सरकार अगर सतर्क हुई है तो यह उसकी जनता के प्रति जागरूकता को दर्शाता है, जो आवश्यक भी है। इससे इस बात पर नजर बनी रहेगी कि देश में इस विषाणु की कोई नई किस्म तो नहीं आ गई। ये सावधानियां किसी भयंकर विनाश से भारत की जनता को बचाने एवं सुरक्षित करने के लिए जरूरी है।
कोरोना का अब तक का अनुभव बताता है कि इसको किसी भी सूरत में हलके में नहीं लेना चाहिए। यह एक बार फैल गया तो इस पर नियंत्रण आसान नहीं है। इसलिए सबसे अच्छा यही है कि जैसे भी हो इसे फैलने से ही रोका जाए। भारत सबसे ज्यादा बुरी तरह प्रभावित होने वाले देशों में से एक था। इसलिए स्वाभाविक ही इस बार चीन में कोरोना से स्थिति बिगड़ने के साथ ही भारत में सावधानी बरतने को लेकर जरूरी कदम उठाए जाने लगे हैं। यह सरकार की सूझबूझ और जागरूकता भी है।
ऐसा प्रतीत होता है कि चीन वास्तविक तथ्यों से दुनिया को अंधेरे में रखना चाहती है, मौतों की वास्तविक संख्या छुपाना चाहती है। अगर यह सच है तो इससे चीन में हुए कोरोना विस्फोट की वास्तविक प्रकृति को समझने में दिक्कत होगी।

भारत में कठिन कोरोना परिस्थितियों में भी देशवासियों ने जिस तरह से कोरोना की पूर्व लहरों का सामना किया है, वे आज भी नई लहर का सामना करने में सक्षम हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि भारत दुनिया में सबसे तेज कोरोना टीकाकरण करने वाला देश है। एक बार फिर कोविड-१९ के समय दी गई हिदायतों को दोहराने की जरूरत है कि किसी भी चीज को छूने के बाद हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। सामाजिक दूरी का पालन करना चाहिए। इस प्रकार हम खुद को स्वच्छ एवं सावधान रखते हुए खौफ एवं नुकसान से स्वयं को बचा सकेंगे। हमें नई लहर का मुकाबला सामूहिक इच्छाशक्ति, संकल्प एवं जिम्मेदारी से करना होगा। अगर हम ऐसा कर गए तो नई किस्म भी पराजित हो जाएगी।

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